उत्तर प्रदेश

योगी जी ने बदनाम गोरखपुर को ख्यातनाम बना दिया

आनंद सिंह

2006 में जब रायपुर से गोरखपुर आया, तब तक यही पता था कि गोरखपुर गैंगवार के लिए बदनाम है.
गोरखपुर आया तो इसके प्रमाण भी मिले। रोज एक मर्डर तो जैसे रूटीन वर्क हो चला था.

16 घंटे बिजली गायब रहती थी। पावर स्टेशन पर फोन कर कंपलेन दर्ज करो तो रंगबाजी में जवाब मिलता था-जब बिजली आवे के होखी त आ जाई. फोन करके दिमाग खराब मत कर अपराधी लाल बहादुर यादव की हत्या ने पूरे शहर को सिहरा दिया था। कहते हैं, उस पर दो-दो मैग्जीन खाली कर दी गई थी-एके-47 और पिस्टल की।
मुलायम,मायावती, अखिलेश।इन तीनों की सरकार को यूपी में रहते हुए देखा। मायावती के राज में लॉ एंड ऑर्डर थोड़ी ठीक थी, लेकिन अगड़े-पिछड़े का लफड़ा यहां खूब था। अखिलेश के राज में एक ही बिरादरी के लोग सीने पर चढ़ बैठे थे।आपराधिक गतिविधियों पर कोई नियंत्रण नहीं था।अखबार की ड्यूटी से लौटते वक्त रात के डेढ़ बजे चुंगी नाका से लेकर तारामंडल चौराहे तक ट्रकों से वसूली की न जाने कितनी तस्वीरें मैंने अपने याशिका कैमरे से उतारी 2017 में जब योगी जी की सरकार आई तो मैं नोएडा में था.उस दिन से लेकर अब तक योगी जी की सरकार की हर गतिविधि को बारीकी से देख रहा हूं।
इन सात वर्षों में जिस तरीके से अपराधी प्राण रक्षा के लिए गले में तख्ती लगा कर रहम की भीख मांगते दिखे, पहले कभी नहीं दिखे.जिस गीडा गोरखपुर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी में पहले लोग खोजे नहीं मिलते थे, वहां अब भीड़ लगने लगी है। 2014 में हिंदू युवा वाहिनी के मीडिया प्रभारी इंजीनियर रवींद्र प्रताप सिंह मुझे मंदिर ले गए। तब योगी जी सांसद हुआ करते थे मैं जिस संस्थान में था,वहां से मुझे उनका इंटरव्यू लेने का आदेश हुआ था.तमाम सवालों के बीच एक सवाल के जवाब में योगी जी ने कहा था कि अगर विजन क्लीयर हो तो रेगिस्तान में भी नदी लाई जा सकती है।इन सात सालों में बदनाम गोरखपुर को जिस तरीके से उन्होंने ख्यातनाम किया, वह गजब की स्टोरी हो सकती है। गोरखपुर में कई स्थानों पर 80 फीट की सड़कें अब दिख रही हैं।
गोरखपुर में अब हर स्थान पर पुलिस पेट्रोलिंग करती हुई दिखती है।
बिजनेस के सिलसिले में लोग अब गोरखपुर आ रहे हैं। टेरीकोटा के प्रोडक्टस अब लोग लेकर जा रहे हैं।मुजफ्फरपुर की लाह की चूड़ियां अब गोरखपुर में बिकने लगी हैं। देश के अन्य हिस्सों के लिए गोरखपुर की बस, ट्रेन और एयर कनेक्टिविटी शानदार है। आप अगर खुले मन से स्वीकार करेंगे तो पाएंगे कि इन सबके पीछे योगी जी का क्लीयर विजन और बेजोड़ मेहनत है। राजनीति एक तरफ रखें और सिविल सोसाइटी के एक मेंबर के रुप में देखेंगे तो पाएंगे कि इन सात वर्षों में गोरखपुर बदला है तारामंडल क्षेत्र में मल्टीनेशनल कंपनियों के रेस्टोरेंट देख कर आपको लगेगा ही नहीं कि आप यूपी के किसी शहर में हैं। अब ना तो मोहद्दीपुर से कोई बंदूक लेकर निकलता है, ना ही हाता से दरअसल,अब किसी में इतनी हैसियत रह ही नहीं गई कि वह कानून को अपने हाथ में ले.संगठित माफिया गिरोह के लोगों को जिस तरीके से परलोक का डाय़रेक्ट पासपोर्ट-वीजा दिया गया, वह इस दौर में तो अविश्वसनीय ही लगता है।आज के गोरखपुर में बहुत सारी चीजें ट्रैक पर आ गई हैं। जो कोर-कसर है, वह आने वाले दिनों में पूरी हो जाएगी.

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